मंगलवार, 26 जून 2012

लंदन में आज आकाश से काव्यवर्षा : - (डॉ॰) कविता वाचक्नवी

लंदन में आज आकाश से काव्यवर्षा :   - (डॉ॰) कविता वाचक्नवी



साहित्य को लेकर जितना अराजकता, छल और निकृष्टता का वातावरण हिन्दी में है, वह अनुपमेय है। 


मैं आँख खोलने से लेकर होश सम्हालने व उसके बरसों बाद तक भी साहित्य के प्रति अत्यंत महनीय, पावन व आदरास्पद वातावरण में पली बढ़ी हूँ और तत्कालीन अनेक श्रेष्ठ साहित्यकारों के वात्सल्य की छाया में भी;  अतः साहित्य और रचनाकर्म से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए अत्यंत श्रद्धा और सम्मान का संस्कार व भाव मेरे मन का एक स्थाई भाव रहा है। अक्षुण्ण भी। 


किन्तु कुछ वर्ष पूर्व नॉर्वे की अपनी गृहस्थी को ताला लगा कर भारत जाने पर जैसे-जैसे हिन्दी के साहित्यिक/ भाषिक परिदृश्य और इनके तत्कालीन कर्ता-धर्ताओं को निकट से जाना समझा तैसे-तैसे मूर्ति टूटती चली गई और अब तो पूरी की पूरी तहस नहस हो चुकी है जैसे। इतनी अधिक त्रस्त हूँ वातावरण का हाल देख-सुन, समझ कर कि मेरे लिए अपने संस्कारों के भीतर मरते अपने आप को बचाए रखना मुश्किल हो गया है। हरदम इस पीड़ा से त्रस्त हूँ कि क्यों देश, भाषा और नायकों के प्रति श्रद्धा के संस्कार रोपे, पिता जी ने और आचार्यों ने ! हर पल हृदय में जैसे कोई घोंपे हुए भालों को बाहर खींच रहा हो ... ऐसी पीड़ा और त्रास है... जैसे अपना, कुछ बहुत व्यक्तिगत-सा, नष्ट हो रहा है... हो गया है.....! अस्तु। 


इन सब के मध्य कुछ चीजें पलों का नहीं बल्कि दीर्घकालीन सुख दे जाती हैं। आज भी ऐसा ही हुआ। 






आज अभी अभी संवाद आया कि आज ही सायं Southbank Centre (सेंन्ट्रल लंदन) पर 9 बजे Rain of Poems का आयोजन है। वस्तुतः यह आयोजन 26, 27 और 28 जून में से किसी भी एक दिन होना तय था जिस भी दिन मौसम खुला, सूखा व चमकीला रहेगा।  तो वह दिन आज आया है। अतः आज ही यह सम्पन्न होगा।


  कविताओं के  The Poetry Parnassus नामक समारोह  के अंतर्गत जैसे ही सूर्यास्त होगा उसी समय एक हेलिकॉप्टर से विश्व-भर के व अलग अलग भाषाओं के 300 समकालीन कवियों की 100,000 (एक लाख) कविताओं की वर्षा लंदन के जुबली गार्डन में आज दोपहर से इसी प्रयोजन से एकत्रित हो रही भीड़) पर की जाएगी। इस काव्य-वर्षा के साथ इस वर्ष के (The Poetry Parnassus) समारोह का उद्घाटन हो जाएगा। 


 हेलीकॉप्टर से कविताओं की वर्षा का यह क्रम निरंतर आधा घंटा चलेगा। कविताएँ बुकमार्क्स आकृति  के रूप में उन पर अंकित होंगी। लोग लपक लपक कर उन कविताओं को अपने साथ ले जाते हैं, पढ़ते हैं और संग्रहित कर रखते हैं। 


 यू.के.  के  इस सबसे बड़े काव्य-समारोह (The Poetry Parnassus)  का आयोजन लंदन 2012 फ़ेस्टिवल  के आयोजनों की शृंखला में किया जा रहा है। इस (The Poetry Parnassus) समारोह के आगामी दिनों में विश्व की अलग अलग 50 भाषा बोलियों के कवि, कहानीकार, लेखक, वक्ता और लोकगायक  अपनी अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे और प्रस्तुतियाँ देंगे। 


एक वेबलिंक के माध्यम से साधारण जनता को अपनी  पसंद के रचनाकर को नामांकित करने का अधिकार दिया गया था। जिसमें जनता ने 6000 लोगों को दुनिया की सभी भाषाओं से चुना व नामांकित किया। 


आगामी कुछ दिनों में ओलंपिक्स के कारण लंदन में जुटने वाले दुनिया-भर के लोगों को सामाजिक दायित्वों व मानवीय संवेदना के प्रति जागरूक रहने की अपनी इच्छा, वरीयता व प्राथमिकता का संदेश देने के लिए इस आयोजन से ओलंपिक्स समारोह शृंखला का  सूत्रपात किया जा रहा है।  आज विश्व-भर के रचनाकार लंदन में एकत्रित हो रहे हैं, हो चुके हैं। 


इस पूरे आयोजन की प्रेरणा ग्रीकस्थित Mount Parnassus से ली गई है। Mount Parnassus को ग्रीक मिथक परंपरा में Home of Muses कहा जाता है जो साहित्य, विज्ञान और कलाओं की देवी मानी जाती हैं।


इस दृश्य का नजारा कुछ यों होगा (बर्लिन आयोजन में Bombing of Poems  नाम से हुए ऐसे ही एक आयोजन की झलक) -       



POETRY PARNASSUS
London SE1 Article
List of Poets
Event Tickets




अपडेट 
(27 जून मध्यरात्रि 00.10 बजे )

आज का अद्भुत कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

विश्व में पाँच स्थानों ( Berlin, Warsaw, Guernica, Dubrovnik, Santiago de Chile) के बाद छठे स्थल के रूप में कुछ घंटे पूर्व यह भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ।

लंदन की Belvedere Road को ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया था क्योंकि सैकड़ों लोग शेल सेंटर की ओर दौड़ रहे थे ताकि आकाश से उतरती कविताओं को लपक सकें क्योंकि हवा का रुख व गति बदल जाने से कविताएँ वाटरलू स्टेशन की ओर उड़ी जा रही थीं। अभी अभी नई लैंडस्केपिंग के बाद जुबली गार्डन पर आयोजित यह पहला समारोह था।

इस समारोह का एकदम ताज़ा वीडियो देखें -





शनिवार, 16 जून 2012

"विदेशी भाषा के रूप में हिन्दी शिक्षण : परिदृश्य' और "यूरोपीय हिन्दी संगोष्ठी 2012"

`यूरोपीय हिन्दी संगोष्ठी 2012' और ग्रंथ का प्रकाशन :  (डॉ.) कविता वाचक्नवी 



आज का सुप्रभात दरवाजे पर तेज खटखटाए जाने पर टूटी नींद से हुआ ।

 डाक में हिन्दी बुक सेंटर से अभी अभी कुछ ही दिन पूर्व प्रकाशित -  " विदेशी भाषा के रूप में हिन्दी शिक्षण : परिदृश्य : संगोष्ठी समग्र "  ग्रंथ की लेखकीय प्रति मिली है। 

यह ग्रंथ प्रोफेसर श्रीश चंद्र जैसवाल जी के सम्पादन में छपा है और स्पेन के वय्यादोलिद विश्वविद्यालय में हुई यूरोपीय हिन्दी संगोष्ठी (15-17 मार्च 2012)    में  प्रस्तुत किए गए सभी शोध पत्रों का संकलन है। 

पूरा ग्रंथ आर्ट पेपर जैसे कागज़ पर छपा है। ग्रंथ के स्वत्वाधिकार हिन्दी विभाग, विदेश मंत्रालय के पास सुरक्षित हैं। 

कुल 32 आलेख इसमें संकलित हैं।  लेखों का क्रम सत्रवार रखा गया है।  
मेरे आलेख " भाषा प्रकार्यों के अधुनातन संदर्भ और हिन्दी " को पृष्ठ  46 से 51 पर पढ़ा जा सकता है।


प्रकाशक का पूरा पता है  -

हिन्दी बुक सेंटर 
4/5-बी, आसफ अली रोड, नई दिल्ली 110 002 


सम्मिलित लेखक हैं -

सर्वश्री


  • उदय नारायण सिंह (विश्वभारती शांति निकेतन )
  • अफजाल अहमद (Lisboa)
  • अलका आत्रेय चूडाल (ऑस्ट्रिया)
  • आलेसांद्रा कोंसोलारो (इटली)
  • यूस्तीना कुरोव्स्का (बॉन, जर्मनी)
  • महेंद्र किशोर वर्मा (यॉर्क)
  • रमेश चन्द्र शर्मा (बेल्जियम)
  • ऐश्वर्ज कुमार (केंब्रिज )
  • गेनादी श्लोम्पेर (इज़राईल)
  • हर्मन वान ऑल्फेन (अमेरिका)
  • कविता वाचक्नवी (लंदन )
  • अरुण प्रकाश मिश्रा (स्लोवेनिया)
  • बिलजाना ज़्रनिक (क्रोएशिया )
  • दानूता स्ताशिक (पोलैंड )
  • हैंज़ वेर्नर वैस्लर (उपासला, स्वीडन )
  • इंदिरा गाज़िएवा (मॉस्को)
  • लुदमीला खोखलोवा (मॉस्को)
  • सबीना पोपर्लान (बुखारेस्ट, रोमानिया )
  • विजया सती (बुदापैस्ट)
  • मोहन कान्त गौतम (नीदरलैंड)
  • जगन्नाथ वी. आर. (वर्धा )
  • वैश्ना नारंग (दिल्ली)
  • कैलाश नारायण तिवारी (पोलैंड )
  • नवीन चंद्र लोहानी (स्विट्जरलैंड)
  • एस. वी. एस. एस. नारायण राजू (बुल्गारिया)
  • तात्याना औरन्स्कया (हैम्बर्ग, जर्मनी)
  • शिव कुमार सिंह (लिस्बन, पुर्तगाल )
  • दीप्ति गोलानी (बार्सेलोना, स्पेन)
  • श्रीश चंद्र जैसवाल (वय्यादोलिद, स्पेन)
  • अशोक चक्रधर (दिल्ली)
  • विभूति नारायण राय (वर्धा)
  • पूनम जुनेजा (मॉरीशस)



स्पेन संगोष्ठी के बारे में अधिक जानने व चित्रों के लिए निम्नलिखित लिंक्स क्लिक कर देखें - 


योरोपीय हिन्दी कॉन्फ्रेंस 2012




यूरोपीय हिन्दी कॉन्फ्रेंस 2012, स्पेन से लौटकर 




यूरोपीय हिन्दी कॉन्फ्रेंस और स्पेन : जैसा मैंने देखा 




यूरोपीय हिंदी संगोष्ठी,स्पेन, 2012 :समग्र रिपोर्ट व विवरण









Related Posts with Thumbnails

फ़ॉलोअर