शनिवार, 3 अप्रैल 2010

अनौपचारिक से २ वीडियो

अनौपचारिक  से २ वीडियो




भारत-प्रवास में दूसरी बार ५ फरवरी को दिल्ली पहुँची| मेरे लिए विश्वपुस्तक मेले में जाने का वही एक दिन हाथ में था| आगामी २ दिनों तक `अक्षरम',  `साहित्य अकादमी' व `भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्' द्वारा आयोजित  ८ वें  हिन्दी उत्सव में उपस्थिति अपरिहार्य थी|


 रमणिका गुप्ता  जी के आवास पर ही मैं ठहरी थी|

 प्रातः लगभग ११ बजे रमणिका जी के  डिफेन्स कालोनी स्थित आवास पर पहुँची और दोपहर में तुरंत ही तैयार हो कर पुस्तक मेले के लिए चल दी|  विस्तार से कभी अलग से लिखूँगी| अभी तो केवल इतना ही कि वहाँ बातों बातों में आलोचक प्रेमचंद सहजवाल जी ने अपने मोबाईल से हमारी  बातचीत रेकोर्ड कर ली; जिस उन्होंने यहाँ यहाँ  लगाने के बाद  ईमेल लिखा व सूचित किया|  उनका यह बड़प्पन मन पर अमिट छाप छोड़ गया| सहजवाल जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए  वे अनौपचारिक  से २ वीडियो सँजो रही हूँ -













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