आज सुनिए मेरी एक पुरानी रचना मेरे ही स्वर में| रेकोर्डिंग व ध्वनि संपादन का सारा श्रेय जाता है मेरे सबसे छोटे बेटे उद्गाता अनघ (UDGATA ANAGH) को, ..... अपने अति व्यस्त शेड्यूल से समय निकाल कर अंततः उसे यह काम करना पड़ा था|
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आप की कविता उमर क़ैद' आप की ही आवाज़ में सुनना अच्छा लगा--
जवाब देंहटाएंकविता बेहद ही अच्छी है.'
'याद के odhno में अंधेरे घने!'---
कैसे करें -सीखंचों से गिले!
आभार सहित,
अल्पना
[कविता के background का संगीत थोड़ा distracting लगा.]