मेरी कुछ कविताएँ
वर्ष 2010 में आखर कलश पर मेरी पाँच कविताएँ प्रकाशित की गई थीं। यहाँ अपने मित्रों, साथियों व पाठकों के लिए वे कविताएँ व उन पर व्यक्त प्रतिक्रियाएँ (उस पन्ने को ज्यों का त्यों देते हुए ) यहाँ सँजो रही हूँ । आशा है, रुचिकर लगेंगी।
- क. वा.
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- kavita ji ko padhna hamesha hi sukhad raha hai, jitni prabhavshaali vyaktitv ki wo maalkin hain unti bhi prabhavshaali uki lekhni hai...
unka smariddh anubhav spasht drishtigat hai unki lekhni mein...
aapka aabhar.. - स्वप्न ने
कुछ पास खींचा,
आँख का
अंजन नहीं हूँ
स्वप्न हूँ
मत आँख खोलो
कविता जी आप की सभी रचनाएँ एक से बढ कर एक है | आप की एक रचना" काल जल्लाद है " आज भी याद आती है | सुंदर अतिसुन्दर बधाई - sabhi prastutiyaan ek se ek behtareen hain.
abhinandan! - मेरी ओर से कविता जी को इन सुन्दर और प्रेरणा देने वली अनुभुती से भरी रचनओं के लिये बहुत बधाईे।
नरेन्द्र जी आपका सहित्य को बढ़ावा देने क यह प्रयास वास्तव मे बहुत महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय है। - कविता जी की इन सुन्दर और बेहद भावपूर्ण कविताओं को पढ़वाने के लिए धन्यवाद।
- 1. और इसी से बनेगा स्त्री की मजबूती का किला।
2. यह भी तो हो सकता है पिछली बार जब वे जमे हों तो सूर्य नमस्कार में ही खड़े हों
3. बहुत खूब, छाया को घेरता है
4. विचार खूब बहो
5. हो हो कीचड़ को धो धो। - mujhko kavitayen rucheen
man ko chhoota kathya.
kavita ji kee kalam se
nisrat hota satya.. - कविता जी का स्वास्थ्य अब कैसा है
क्या उसी काल की कविताएं हैं - kavita ji ko parhana sukhad hi lagataa hai. is baar ki bhi kavitayen arthvaan hai. har kavitaa par lambi baten ho sakati hai.
- बहुत सुन्दर कविताएँ है !
- डॉ.कविता वाचक्नवी जी की सभी कविताएं एक दम सरल, सहज हैं. बहुत की सुन्दरता की प्रस्तुति के साथ अपना एक संदेश छोड़ जाती है. सभी कविताएं एक ही सांस में पढ़ जाती हैं और कविता जब खत्म होती है तो सोचने पर मजबूर कर देती है. सशक्त अभिव्यक्ति के लिए बधाई!
- जीवन की सच्चाई को सच साबित करती एक बेहतरीन रचनाओं के लिए बधाई।
- हड्डियों तक
बर्फ़ जमे लोग
कैसे करें
सूर्य-नमस्कार ?
...सभी कविताएँ अच्छी हैं लेकिन इन पंक्तियों में जिस दर्द की अभिव्यक्ति है वह दिल को छू लेती है. जनवादी चिंतन से ओतप्रोत सभी कविताओं के लिए बधाई. - kavita ji ki sabhi kaviyayen ek se badh kr ek lagi itni sunder prastuti pr badhaii
- [१]
इतनी सीधी और सपाट अभिव्यक्ति कम ही देखने को मिलती है कविता जी:-
"पानी लगातार तुम्हारे डूबने की
साजिशों में लगा है"
[२]
शायद आप धर्म परिवर्तन पर कुछ कहना चाह रही हैं:-
"हड्डियों तक
बर्फ़ जमे लोग
कैसे करें
सूर्य-नमस्कार ?"
अगर मेरा सोचना ग़लत है, तो कृपया बताएँ ज़रूर| - सुन्दर रचना, भावमयी प्रस्तुति ।
- सुन्दर रचना, भावमयी प्रस्तुति ।
- भावपूर्ण शब्दाभिव्यक्ति
शायर कहते हैं औरत से
कि
तेरे माथे पे ये चुनरी क्या खूब लगे है,
मगर इसका परचम बना लेती तो क्या बात होती - achha laga pad ker .........kavita ji se parichit nahi hu per unki rachnaye unka parichay de rahi hai ,,behad bhavpurn ..aabhar
- बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी
कभी आग उगलती कविताएँ
तो कभी कंप्यूटर की यांत्रिकता
और कितने सारे सामाजिक सरोकार
हर बार कविता नई लगती है
अगला रूप क्या होगा
हम सब दम साधे बैठे हैं
वशिनी - कविता जी काव्य-अभिव्यक्तियाँ मर्मस्पर्शी होती हैं। सधी हुई शब्दावली के साथ भाव-बिम्बों का सहज प्रवाह बरबस पाठक की सॉंसें साध देता है। कहो, खिलाड़ी !... वाह क्या मिठास है.. चीनी में छान कर जीवन-सत्यों का कुनैन पिलाती हैं कविता जी की कवितायें। ...साधुवाद।
- डॉ. कविता जी,
आपके कृतित्व से परिचित करवाने का श्रेय बड़े भाई प्रोफेसर ऋषभदेव जी शर्मा को जाता है। मैं उनकी उदारता और आपकी प्रतिभा को नमन करता हूँ।
अश्विनीकुमार शुक्ल, संपादक "नूतनवाग्धारा" बाँदा (उ.प्र.)। - कविता जी नमस्कार, भावपूर्ण शब्दों के साथ यर्थाथ की अभिव्यक्ति है कविता मे कीच -कीच धो कहो खिलाड़ी-----बहुत खूब पढ कर आप को अच्छा लगा ।
- सुंदर सुंदर अति सुंदर ..................
Pratham aour antim kavita utkrist .
जवाब देंहटाएंपाँचो कविताएँ हृदयस्पर्शी। गहराईयोँ तक पहुँचता कथानक
जवाब देंहटाएंkavita ji sarvpratham namskar ...apki kavita bahut acchhi or bhav purna abhivyakti se autprot h.......
जवाब देंहटाएंपहली और पांचवीं, दोनों कविताएं मर्मस्पर्शी। आपकी कविताओं में अनुभूतियां जो भाव-बिम्ब गढ़ रही हैं, वह उल्लेखनीय हैं। सर्वथा मौलिक प्रयोग-अभिव्यक्ति। कभी विस्तार से चर्चा-बातें होनी चाहिए.. बधाई..
जवाब देंहटाएंकविता मेडम सबसे पहले तो मै आपको प्रणाम करता हु।
जवाब देंहटाएंमेडम शायद हम भाग्यशालि है जो हमे आपकी इतनी अच्छी कविताये पढ़ने को मिलती है। कविता जी आपकी कविता मे छुपा होता है हर पहलू की हर बात, हर किसी को अपनी और खींच लाने की ताकत रखती है। आशा आगे भी आपकी ये अमूल्य सेवा हमारे लिए बनी रहेगी।
मेडम नमस्कार शुभ दिन
pahli kavita main dard apni charam seema ko laangh gaya hai anya kavitayen bhi marmspashi hain
जवाब देंहटाएंकविता जी,
जवाब देंहटाएंविलंब से पढ़ पाया इन कविताओं को. आखर कलश मुझे नहीं मिला होगा..बहरहाल....बहुत खूबसूरत कविताएं हैं. प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं. आपने कहानियां भी तो लिखी होंगी?
कल फेसबुक में वागर्थ में आप द्वारा प्रस्तुत चित्र देखे, जिन्होंने अंदर तक झकझोर दिया था. दोनों के लिए ही आपका आभार.
चन्देल
प्रत्येक कविता मन को गहरे छूती, कभी झिंझोड़्ती, कभी आह तो कभी वाह ! लाजवाब भाव और अभिव्यक्ति !
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