शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

वर्ष २००९ का केदार सम्मान घोषित

इस वर्ष का केदार सम्मान अष्टभुजा शुक्ल को देने का निर्णय लिया गया





समकालीन कविता के महत्वपूर्ण चर्चित कवि अष्टभुजा शुक्ल को  उनके  कविता संग्रह "दु:स्वप्न  भी आते है" के लिए वर्ष २००९ का केदार सम्मान देने का निर्णय किया गया है|



निर्णय की प्रशस्ति में लिखा गया है कि  -

" कवि अष्टभुजा शुक्ल एक ऐसे ग्रामीण कवि हैं, जिनकी कविता में एक साथ केदारनाथ अग्रवाल और नागार्जुन की झलक मिलती है| ऐसे समय में, जब कविता 'पन्त' की प्रसिद्ध  कविता "भारतमाता ग्रामवासिनी" से दूर छिटक रही है, वे लिखते हैं  "जो खेत में लिख सकता  है वही कागज़ पर भी लिख सकता है"; फिर उनकी कविता का केंद्र न केवल प्रसिद्ध काव्यलक्षण सौन्दर्य है, बल्कि जनजीवन के पूर्ण सुख दुःख भी हैं| यही कारण है कि उनकी सरल सपाट- सी दिखने वाली कविता में भी कविता का जीवन धडकता है| उनके कविता संग्रह  "दु: स्वप्न भी आते हैं" की कविताएँ बाजारवाद और भूमंडलीकरण के चक्रवात के बीच  दूर दराज गाँवों के लोगों के पक्ष में खड़ी कविताएँ हैं| "


ज्ञातव्य है कि उक्त संकलन  "दु: स्वप्न भी आते हैं"  वर्ष २००४ में राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया| 



प्रति वर्ष दिया जाने वाला यह चौदहवाँ केदार सम्मान है| इस से पूर्व समकालीन कविता के चर्चित १३ कवियों को केदार सम्मान से सम्मानित  किया जा चुका है



अष्टभुजा शुक्ल का जन्म बस्ती जनपद में १९५४ में हुआ था| वर्तमान में संस्कृत महाविद्यालय चित्राखोर (बस्ती) में अध्यापन कार्य करते हैं| इनके अब तक तीन काव्य संग्रह आ चुके हैं| कविता के अतिरिक्त ललित निबंधों व पदों की रचना के कारण वे अपनी विशेष पहचान हिन्दी जगत् में बना चुके हैं|



निर्णय की घोषणा आज २३ जुलाई को की गई है|



- केदार शोध पीठ न्यास, बाँदा 
- नरेन्द्र पुण्डरीक, सचिव केदार सम्मान समिति
- (डॉ.) कविता वाचक्नवी, सदस्य : कार्यकारिणी  


   

20 टिप्‍पणियां:

  1. कवि अष्टभुजा शुक्ल को इस सम्मान हेतु बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  2. केदार सम्मान दिए जाने की जिस शुरुआती पुरानी पद्धति के बारे में नरेन्द पुण्डरीक जी ने बतायी थीं वह सर्वोत्कृष्ट प्रकार की नहीं थीं। मुझे विश्वास है कि अब पुरस्कार हेतु चयन की प्रक्रिया लोकतांत्रिक, सामूहिक, और पारदर्शी तरीके से की गयी होगी।

    अष्ट्भुजा जी को हार्दिक बधाई।

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  3. गिरिराज किशोर जी (अकार) द्वारा ईमेल से प्रेषित -

    badhai, Ashtbhuja ji ko aur apko bhi.

    GK

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. पल्लव लिखते हैं[ From:
    pallav kr (pallavkidak@gmail.com)]

    -

    कवि और सही निर्णय देने वालों को बधाई.
    पल्लव

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  6. रेखा मैत्रा जी (
    [Rekha Maitra rekha.maitra@gmail.com ] लिखती हैं -


    साझे का शुक्रिया कविता और एक अच्छी सी खबर देने का भी !

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  7. सुधा अरोड़ा जी ने लिखा -



    कविता जी ,
    इस अच्छी सूचना के लिए आपको धन्यवाद ! अष्टभुजा शुक्ल इस सम्मान के सही हकदार हैं . इसी वर्ष वाराणसी में उनकी कवितायेँ सुनने का अवसर मिला . ग्रामीण अंचल के किसान की बानी बोली और अभिव्यक्ति की सहजता , सच्चाई ने छू लिया .

    अष्टभुजा शुक्ल को हम सब की बधाई !

    सुधा अरोड़ा .

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  8. समाचार शुभ है.
    आदरणीय शुक्लजी को बधाई.

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  9. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में ठेठ देशज समाचार बहुत सुखद है। माननीय अष्टभुजा शुक्ल जी को कोटिश: बधाई। वैसे पुरस्कार किसी रचना और रचनाकार की सजीवता व स्तरीयता का पैमाना तो नहीं किंतु पहचान (रिकग्निशन) का पैमाना तो हैं ही। कल ही अभी चचा बेकल उत्साही आए थे मिलने को, कराची जा रहे थे किसी मुशायरे में। मेरे तमाम साथी उनके शेर/अशआर गाहे-बगाहे सुनाते और कोट करते रहते हैं। किंतु बेकल साहब उनके सामने थे और अधिकांश उनको पहचान ही नहीं पाए । -कुमार पीयूष

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  10. मैंने अष्टभुजा शुक्ल की इन कविताओं को अभी तक पढ़ा नहीं है, इसलिए उनके बारे में तो कुछ नहीं कह सकता, लेकिन केदार सम्मान के लिए बधाई तो दे ही सकता हूँ, फ़िर इस सम्मान ने उनकी कविताओं की ओर हम सबका ध्यान आकृष्ट किया है, यह इस सम्मान की सार्थकता तो है ही।

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  11. अष्टभुजा शुक्ल वस्तुतः बधाई के पात्र हैं। बाँदावासी होने के नाते मैं ऐसे रास्ते की तलाश में हूँ, जिससे केदार सम्मान पुनः बाँदा आ जाए।

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  12. अष्टभुजा शुक्ल वस्तुतः बधाई के पात्र हैं। बाँदावासी होने के नाते मैं ऐसे रास्ते की तलाश में हूँ, जिससे केदार सम्मान पुनः बाँदा आ जाए।

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  13. पटना से डॉ. ओम निश्छल लिखते हैं -

    It is a good decision in favour of commited poetry in Hindi.
    Ashtbhuja ji ko badhai.

    Dr.Om Nishchal
    Patn/Delhi

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  14. राजीव थेपरा ने लिखा -


    "अष्टभुजा जी वाकई इस लायक हैं....क्या अद्भुत कवि हैं वो....एक बार उनको सुना था...और मुरीद हो गया मैं उनका...सदा के लिए...सच....."



    प्रतिभा सक्सेना जी लिखती हैं-

    "
    हार्दिक बधाई एवं शुभ-कामनाएँ !
    - प्रतिभा सक्सेना. "




    संपत जी लिखती हैं-

    बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं ,
    संपत

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  15. नेहरू संदर, लन्दन से दिव्या माथुर जी लिखती हैं -

    "कवि अष्टभुजा शुक्ल को बहुत बहुत बधाई,

    सस्नेह, दिव्या "

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  16. Rajeev Matwala कहते हैं -

    ‎'केदार सम्मान'....हिंदी साहित्य का एक दिया और सम्मानित हुआ....हर्षित हुआ...इश्वर से कामना है कि साहित्य पताका आपके कर कमलों से गुंजित रहे....हार्दिक शुभकामनाओं सहित....बधाई........!

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  17. 'दिल्‍ली है कविता का नैहर तो बस्‍ती ससुराल' के कवि अष्‍टभुजा शुक्‍ल के प्रति शुभकामनायें।

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