मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

भाषा और 'एक्स्पायरी डेट'

भाषा और 'एक्स्पायरी डेट' : कविता वाचक्नवी


‪#‎भाषा‬-प्रयोग का एक ‪#‎मनोरंजक‬ उदाहरण आज आपसे बाँटती हूँ।
भारत में हम लोगों को अभ्यास होता है कि किसी की मृत्यु के विषय में बात करते हुए हम

  • - 'उसके पिताजी एक्सपायर हो गए थे' 
  • - 'उसकी माता जी/बहन/पत्नी/पति/मित्र आदि को एक्सपायर हुए तो कई साल हो गए'
  • - वह छुट्टी गया है, उसकी माता जी एक्सपायर हो गईं
  • - रोड एक्सीडेंट में एक्सपायर हुए उसके भाई भाभी ... 
आदि वाक्य सामान्यतः बोलते हैं। अर्थात् मृत्यु के लिए 'एक्सपायर होना' क्रिया का प्रयोग करते हैं।

कई बरस पहले जब मैंने यहाँ ब्रिटेन में एक प्रसंग में किसी से अंग्रेजी में आदतवश कहा कि 'मेरी माँ एक एक्सीडेंट में कई बरस पहले एक्सपायर हो गईं थीं' तो उसके चेहरे की रंगत और हाव-भाव बहुत ही अजीब-से थे, मानो वह कुछ समझा ही नहीं। मेरे बच्चों ने तब उसे समझाया कि वस्तुतः मैं कहना चाहती हूँ कि मेरी माँ की मृत्यु कई बरस पहले एक दुर्घना में हो गई थी।

बाद में बच्चों ने मुझे समझाया कि, माँ ! एक्सपायर होने की क्रिया / प्रक्रिया वस्तुओं व पदार्थों की होती है, माँ या कोई भी व्यक्ति पासपोर्ट, ऑफिस कार्ड, कॉलेज कार्ड, दवा या अचार या खाद्य पदार्थ नहीं होता कि उसकी कोई 'एक्स्पायरी डेट' हो और वह उस तिथि के बाद 'एक्सपायर' हो जाए। व्यक्तियों के लिए मृत्यु के वाचक शब्दों जैसे Death, Died, No more इत्यादि का प्रसंगानुसार व वाक्यरचनानुसार प्रयोग किया जाता है।

यद्यपि अब मैं सचेत रहती हूँ किन्तु अपनी भारतीय आदत से अभी भी पूरी तरह पीछा नहीं छुड़ा पाई और आज ही डॉक्टर द्वारा मेरी माँ के बारे में एक प्रश्न पूछने पर 'शी एक्स्पायर्ड इन हर अर्ली ट्वेंटी प्लस' जैसा वाक्य निकल गया तो डॉक्टर को चौंक कर कहना पड़ा कि "मैं आपकी माँ के विषय में पूछ रही हूँ"। तब मुझे अपनी गलती का भान हुआ ।

आप लोग भी इसे पढ़ने के बाद शायद भविष्य में व्यक्ति की मृत्यु के साथ 'एक्सपायर' शब्द का प्रयोग करते समय अवश्य एक बार ठिठकेंगे, यह सोच कर कि व्यक्ति कोई दवा या खाद्य पदार्थ है क्या कि जो उसकी 'एक्स्पायरी' होती है।#‎KavitaVachaknavee‬

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6 टिप्‍पणियां:

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  2. भाषा के मामले में भारत एक प्रयोगवादी देश है । मजे ले-लेकर भाषा को अपनी अंगुली पर नचाने में उत्तरप्रदेश के लोग माहिर हैं । वे अभिधा की अपेक्षा व्यंजना में स्वयं को अधिक सुविधाजनक पाते हैं । कोई आवश्यक नहीं कि उत्तरप्रदेश वालों के लिये कोई शब्द वही अर्थ दे जिसके लिये वह निर्धारित है । ये लोग पुरानी विचारधारा के लोगों के लिये भी "एक्सपायरी डॆट" शब्द का प्रयोग करते हैं । वास्तव में यूपी के लोगों का विनोदी स्वभाव नये शब्द गढ़ने में कुशल है ।

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  3. एस`ए बहुत से अंग्रेजी शब्द हैं जिसका उपयोग हिंदुस्तान में गलत धग से किया जाता है !
    न्यू पोस्ट अनुभूति : लोरी !

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  4. अच्छी जानकारी है लेकिन इसमें कोई हैरत या गलती वाली बात नहीं है . प्रयोग के साथ शब्दों के अर्थ बदल जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है . अंग्रेजी शब्दों को ही अलग अर्थ में उपयोग में नहीं लिया जाता , हिन्दी और इसकी बोलियों में भी शब्द मूल अथ से अलग अर्थ में खूब प्रयुक्त होते देखे जाते हैं . इसका एक अच्छा उदहारण है टट्टी 'शब्द ' जिसके उच्चारण के साथ ही गन्दगी व बदबू का अहसास होता है . पढ़े लिखे लोग उसका प्रयोग ही नहीं करते . यह दरअसल टटिया यानी किवाड़ या ओट का ही पर्याय था . लेकिन प्रयोग के साथ वह मल का पर्याय हो गया है . अब उसके लिए लैट्रिन शब्द का उपयोग करते देखा जा सकता है --" देख के चलो सामने 'लैट्रिन' पड़ी है . इस शब्द का मूल अर्थ क्या है यह बताने की जरुरत नहीं है .

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  5. India is divided by complex scripts but not by phonetic sounds needs simple nukta and shirorekha free Gujanagari script at national level along with Roman script.

    Writing Hindi in Roman script is nothing but reviving our old Brahmi script which was modified by Roman people to their use. We need more research in this area.

    If Hindi can be learned in a complex Urdu script then why it can't be done in easy regional script?

    We need to Provide education to children in a simple Gujanagari script and free India from complex scripts.

    One may go through these links.
    http://www.omniglot.com/writing/brahmi.htm
    http://www.omniglot.com/writing/gujarati.htm
    Also we need standard Roman Alphabet to write Hindi in Roman script
    .Each consonant produces these 15 sounds when combined with vowels.
    ્,ા,િ,ી,ુ,ૂ,ૅ,ે,ૈ,ૉ,ો,ૌ,ં ,ં,ઃ
    ə ɑ ɪ iː ʊ uː æ ɛ əɪ ɔ o əʊ əm ən əh .........IPA........ɑɪ ,ɑʊ,æʊ,
    ạ ā i ī u ū ă e ại ǒ o ạu ạm ạn ạh.........Gujạlish
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