बहुत ही सुंदर शब्दों से आपने बचपन की यादो को जगाया हैं ,और एक कसक सी छोड दी हैं ,कि हम बड़े क्यों हो गए |
bachpan ko sabad chitro mai ubharti kavita kai liye dhanyabad,jab ham bacpan kai dino or chute huye lmho ko khojte hai tab rona hi aata hai
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बहुत ही सुंदर शब्दों से आपने बचपन की यादो को जगाया हैं ,और एक कसक सी छोड दी हैं ,कि हम बड़े क्यों हो गए |
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