शनिवार, 1 मार्च 2014

ज्ञान का एक दुर्लभ खज़ाना ऑनलाईन : कविता वाचक्नवी

ज्ञान का एक दुर्लभ खज़ाना ऑनलाईन : कविता वाचक्नवी


पूर्व राष्ट्रपति ए.पी. जे. अब्दुल कलाम के अथक प्रयासों से प्रारम्भ की गई परियोजना Digital Library of India का मूर्त रूप आज भारतीय ऐतिहासिक पुस्तकों और पत्रिकाओं के एक ऐसे विशाल संग्रह का नाम बन चुका है, जिसमें आप एक बार जाने के पश्चात जाने कितने घंटे, दिन, माह और बरस बिताना पसंद करेंगे| यहाँ विभिन्न भाषाओं की दुर्लभ पुस्तकें और पत्रिकाएँ आपको मिल सकती हैं जो आप को किसी पुस्तकालय तक में धक्के खाने और भटकते खोजने पर भी संभवतः ना मिलें|


भाषा / वर्ष / विषय / अनुक्रम का चयन कर आप वहाँ डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रीडर द्वारा इन पुस्तकों/ पत्रिकाओं को ऑनलाईन इनके मूल रूप में पढ़ सकते हैं|

लाखों पृष्ठों में समाहित यह एक ऐसा ऐतिहासिक संग्रह और कार्य है कि जाने आने वाली कितनी पीढियाँ इस से लाभान्वित और गौरवान्वित होंगी| पुनरपि अभी बहुत कार्य शेष है और निरंतर प्रगति पर है|

आप इस लिंक को अवश्य बुकमार्क कर लें व सहेज कर रख लें| नीचे इस परियोजना में सहायक और संलग्न संस्थाओं की सूची दी गई है -

Partners : India :
Coordination and Research Centre in India : Indian Institute of Science, Bangalore

Academic Institutions 
  • Anna University, Chennai, Tamil Nadu 
  • Arulmigu Kalasligam College of Engineering (AKCE), Srivilliputur, Madurai, Tamil Nadu 
  • Goa University, Goa 
  • Indian Institute of Astrophysics, Bangalore,Karnataka 
  • Indian Institute of Information Technology, Allahabad, Uttar Pradesh 
  • International Institute of Information Technology, Hyderabad, Andhra Pradesh 
  • Osmania University, Hyderabad 
  • Punjab Technical University, Punjab 
  • Shanmugha Art, Science, Technology & Research Academy, Tanjavur, Tamil Nadu 
  • University Of Hyderabad, Hyderabad 
  • University of Pune, Pune, Maharashtra 
Religious and Cultural Institutions 
  • Kanchi University, Kanchi, Tamil Nadu 
  • Poornapragna Vidyapeetha, Bangalore 
  • Salarjung Museum, Hyderabad 
  • Sringeri Mutt, Sringeri, Karnataka 
  • Tirumala Tirupati Devasthanams, Tirupati, Andhra Pradesh 
  • Tibetan Monasteries and Literature on Jainism
Government and Research Agencies 
  • Academy of Sanskrit Research , Melkote, Karnataka 
  • CDAC- Noida 
  • Indian Institute of Astrophysics, Bangalore,Karnataka 
  • Maharashtra Industrial Development Corporation (MIDC), Mumbai, Maharashtra 
  • Rashtrapathi Bhavan, New Delhi 
United States of America
  • Carnegie Mellon University
China 
  • Beijing University 
  • Chinese Academy of Science 
  • Fudan University 
  • Ministry of Education of China 
  • Nanjing University 
  • State Planning Commission of China 
  • Tsinghua University 
  • Zhejiang University 

इसके अतिरिक्त मैसूर विश्व विद्यालय ने अपना पूरा पुस्तकालय डिजिटलाईज़ करवा लिया हुआ है। 

हिन्दी पुस्तकों की दृष्टि से वर्धा विश्वविद्यालय का हिन्दी समय तो नवीन स्रोत है ही, इसके अतिरिक्त 'होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केन्द्र' भी पठनीय है। 

कुछ अन्य स्थल ये भी हैं - 

नेशनल लायब्रेरी नाम की इस राजकीय परियोजना को भी देखा जा सकता है - 


इस नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी लिंक को देखना भी प्रासंगिक होगा - 


NCERT की हिन्दी पुस्तकें भी ऑनलाईन उपलब्ध हैं - 


कई लोगों ने निजी तौर पर भी बहुत बढ़िया प्रयास किए हैं जिनमें यह प्रमुख है 'अपनी हिन्दी' - http://www.apnihindi.com/


और तो और, मोबाईल के लिए ऑनलाईन हिन्दी पुस्तकालय भी उपलब्ध है, जिसका उपयोग मैं यात्रा आदि में नियमित पढ़ने के लिए करती हूँ। एण्ड्ररॉयड के लिए यह एप्लीकेशन यहाँ उपलब्ध है - 

कुछ दुर्लभ हिन्दी पुस्तकें यहाँ भी -

6 टिप्‍पणियां:

  1. पेज बुकमार्क कर लिया है, इन्हीं के माध्यम से ज्ञान भ्रमण किया जायेगा।

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  2. tera sai tujhme hai jag sake to jag...........


    surendra mehta
    documentory film maker
    a member of ida usa

    जवाब देंहटाएं
  3. ऐसी ज्ञान गंगा उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद प्यास बढ़ती रहे बूँद मिलती रहे

    जवाब देंहटाएं
  4. ऐसी ज्ञान गंगा उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद प्यास बढ़ती रहे बूँद मिलती रहे

    जवाब देंहटाएं
  5. I am happy that someone has noticed the DLI.

    I am a frequent user of the DLI and similar digital collections such as archive.org, Google Books and digital collections of some universities. In my opinion, the DLI comes out very poorly in terms of ease of use, accessibility of material, quality of technology etc.

    DLI's indexing of books does not follow any standard. For example, the word 'Itihasa' will be found spelt as 'Itihaasa' too, with books divided under both variants. Transliteration of India names and surnames, of words from Indian languages is whimsical and follows no discernible system.

    Even after the reader locates a book that he wants, it is a struggle to read or download it. DLI does not provide any assistance in this. Some privately developed softwares have to be employed for this purpose. The most obvious solution, .pdf files, is not available. Compare this with, say, archive.org, where almost every book can be easily downloaded in several formats.

    The scantiness of available material is another issue. Two important India languages, Marathi and Kannada, have, after so many years of work by DLI, only 3904 and 3305 books in DLI's collection!

    When I need a book about Indian history, culture etc, my first choice is archive.org. It is only with some reluctance that I turn to DLI for assistance.

    It appears to me that the motto of DLI is 'We are not happy till you you are not happy!"

    जवाब देंहटाएं

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