शनिवार, 19 जनवरी 2013

लंदन का हिमपात व मेरा कैमरा



जब-जब हिमपात होता है तब-तब अधिकांश लोग घरों में दुबकने की सोचते हैं परंतु मैं तो हर हाल में हिमपात में अवश्य बाहर जाती हूँ .... दस्ताने बिना पहने सुन्न, दर्द से बेहाल व नीले होते हाथों से फोटोग्राफी करती हूँ ... कल भी यही किया, घंटा-भर बाहर चहलकदमी की, पेड़ पक्षियों का बारीकी से हालचाल जाना और दिन को कैद कर अपने साथ ले आई .... ! 

मुझे हिम का स्पर्श बेहद जीवनीशक्ति व ऊर्जा देता है! लगभग दो माह से यहाँ यूके में हिमपात हो रहा है परन्तु राजधानी लंदन अब तक लगभग अछूता रहा । परसों रात से यहाँ भी विधिवत् हिमपात हो रहा है। कल प्रातः उठने तक झील पूरी जम चुकी थी। 

इस झील व इसके आसपास के क्षेत्रों में हिमपात को देखने पहुँचना मेरा वार्षिक शौक है। तो सीधे जल्दी से झील पर गई, झील यों तो कई दिन से जम चुकी थी, पानी की ऊपरी परत 'आईस' हुए कई दिन हो गए अतः इस 'आईस' पर 'स्नो' ऐसे ठहर गई कि झील पूरी श्वेत हो गयी। पक्षियों ने झील की आईस को कई स्थानों पर चोंच से फोड़-फोड़ कर उसमें अपनी चोंच डालने लायक दरारें बना ली थीं। 

अधिकाँश चित्र उसी झील के व उसमें गोल गोल काली आकृतियों (जहाँ 'स्नो' नहीं 'आईस' दीख रही है ) को कैद करने के हैं। एक चित्र को तो खतरा मोल ले कर लिया। दूर से झील की आईस पर पक्षियों द्वारा चोचें मार कर बनाई गई दरार को स्पष्ट देखा जा सकता है ।मैं निरनटर पास जा रही थी और एकदम समीप पहुंची तो दरार सामने थी....  'आईस' पर पाँव रखते ही पानी मे भीतर समा जाने का खतरा था। मैं झील की सतह पर जमी आईस की इस दरार को कैमरे में निकट से कैद करने के लिए एकदम मुहाने पर गई थी किन्तु स्नो की सफेदी में पता नहीं चल रहा था कि मैं धरती पर पैर रखे हूँ या झील की सतह पर। इसलिए सुरक्षाकर्मी ने आकर मुझे वहाँ से तुरंत हटाया।उस चित्र को आप क्रम से देखेंगे तो समझ पाएँगे। झील के अतिरिक्त  घर से काफी दूर निकल कर झील की और बढ़ते समय विभिन्न मार्गों के भी कई चित्र हैं।

बड़े आकार व स्पष्ट रूप से देखने के लिए प्रत्येक चित्र पर क्लिक करें।

 कल लिया वीडियो यहाँ देखें - 
https://www.facebook.com/photo.php?v=10151337100744523



इस से पहले के वर्षों में लगाए लन्दन में हिमपात के मेरे खींचे चित्रों को आप यहाँ देख सकते हैं - 

रूप से स्निग्ध हुई पृथ्वी और जीवन के एकाकार क्षण 


रूप की आभा -
श्वेत बिछौने और रजत के कण 
http://vaagartha.blogspot.co.uk/2012/02/blog-post_1278.html


© सभी चित्रों का कॉपीराईट सुरक्षित है, बिना अनुमति प्रयोग न करें  


















 नीचे के इस चित्र को लेने के लिए मुझे बेहद खतरा मोल लेना पड़ा और वहाँ स्थित एक सुरक्षा कर्मी द्वारा आकर मुझे रोका गया क्योंकि मैं लगभग झील की सतह पर खड़ी होकर यह चित्र खींच रही थी 




























26 जनवरी 2012
कुछ दिन पश्चात् हिम पिघलने लगा तो नजारा कुछ यों था - 



















10 टिप्‍पणियां:

  1. करिश्में कुदरत के .....आप की नज़र से !
    आभार!

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  2. एक शुभ्र सा वसन उढ़ाती,
    प्रकृति विहँसकर छिप जाती।

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  3. बर्फ के नजारों के सुंदर चित्र और उन पर लिखा आलेख भी सुंदर.

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  4. Kavita bikhri huyi hai, camare ki aankh se. yah sirf ungaliyon ka sparsh nahin, drishy ko shabd se pare le jaane waali adbhut samajh hai.

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