गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

" अभ्यास " : कविता वाचक्नवी


 " अभ्यास "
- कविता वाचक्नवी



' हरिभूमि ' (दिल्ली ) के आज  2 फरवरी 2012 अंक में पृष्ठ 4 पर प्रकाशित एक 10-12 बरस पुरानी मेरी छोटी-सी कविता -


" अभ्यास "

भोर का 
चिड़ियों की चह् चह् का 
जिन्हें अभ्यास हो 
रात्रि का 
निर्जन अकेलापन 
उन्हें 
कैसे रुचे ? 






  अपनी  पुस्तक "मैं चल तो दूँ" (2005), सुमन प्रकाशन, से उद्धृत 





5 टिप्‍पणियां:

आपकी प्रतिक्रियाएँ मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।
अग्रिम आभार जैसे शब्द कहकर भी आपकी सदाशयता का मूल्यांकन नहीं कर सकती।
आपकी इन प्रतिक्रियाओं की सार्थकता बनी रहे कृपया इसका ध्यान रखें।