शुक्रवार, 5 जून 2009

तुंरत सहायता की अति आवश्यकता है / सहयोग करें

नाम जानने में सहायता की तुंरत आवश्यकता है

मित्रो! नीचे अंकित गीत मैंने अपने बचपन में किसी पाठ्य पुस्तक में पढ़ा है, अथवा बाद में कभी। किंतु कतई स्मरण नहीं आ रहा कि यह रचना किस की है व इसे कहाँ पढा है। रचना के शिल्प व कथ्य को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि यह माखनलाल चतुर्वेदी जी {या दिनकर जी (रश्मिरथी) की भी } रचना हो सकती है। एक संभावना कवि रघुवीरशरण मित्र जी की रचना होने की भी है। किंतु पुष्टि नहीं हो पा रही है.

कुछ ऐसी स्थिति खड़ी हुई है कि मुझे रचनाकार के नाम का प्रमाण देकर पुष्टि करनी है कि यह पूर्वपठित किसी ख्यातिलब्ध कवि की ही है, अन्यथा इस रचना पर कोई अपना दावा ठोंकने जा रहा है। आप लोग क्या इसके रचनाकार का नाम बूझने-जानने या पुष्ट करने में मेरा सहयोग कर सकते हैं? अतीव ऋणी रहूँगी।



जो जितना देता है जग में ,
उतना ही वह पाता है |

यह संसार बहुत सुंदर है ,
यह अपना सपनों का घर है ,
यहाँ कन्हैया रास रचाता ,
यहाँ गूंजता वंशी - स्वर है |
सत्यम् शिवम् सुन्दरम वाली ,
यह धरती सबकी माता है |


गंगा - यमुना के प्रवाह में ,
पाप सभी के धुल जाते हैं ,
यहाँ धर्म - मजहब के नाते ,
ख़ुशी - ख़ुशी से निभ जाते हैं |
अनुपम यहाँ प्रकृति की शोभा ,
सबके ह्रदय विरम जाते हैं |
ढाई आखर प्रेम की भाषा ,
बन जाती अपनी परिभाषा ,
यहाँ निराशा नहीं फटकती ,
यहाँ रंगोली रचती आशा |
सुंदर उपवन जैसा भारत ,
सबके मन को हर्षाता है |


सावन में हैं झूले पड़ते ,
होली में मृदंग हैं बजते ,
तुलसी यहाँ राम - गुण गाते ,
और कबीरा निगुण कहाते |
इस माटी का तिलक लगाओ ,
माटी से सबका नाता है |


जो जितना देता है जग में ,
उतना ही वह पाता है |




7 टिप्‍पणियां:

  1. पूरे विश्वास से तो नहीं कह सकता, पर यह पंक्तियाँ न तो माखन लाल चतुर्वेदी की और न ही दिनकर जी की प्रतीत हो रही हैं । मुझे लगता है कि यह पंक्तियाँ मैथिली शरण गुप्त जी की हैं । वैसे मैं ढूँढ़ रहा हूँ, मुझे भी आभास हो रहा है कि इन्हें मैंने कहीं पढ़ा है ।

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  2. जो जितना देता है जग में
    उतना ही वो पाता है

    सार्थक पंक्तियां हैं। मुझे कवि का नाम मालूम नहीं है पर पंक्तियां पसंद आईं।

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  3. चोर पकडा गया या नहीं , पर पंक्तियों को पसंद किया जा रहा है:) वैसे, कुछ चोर तो पहले भी पकडे़ गए थे पर.......

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  4. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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