tag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post7945815899066989980..comments2023-11-16T02:43:41.183-06:00Comments on वागर्थ: वैशाखी : यमुना और बच्चेUnknownnoreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-89752554936320185502020-04-14T23:08:59.660-05:002020-04-14T23:08:59.660-05:00कदम्ब का पेड़ वाली कविता हमारी पाठ्यपुस्तक मे भी थी...कदम्ब का पेड़ वाली कविता हमारी पाठ्यपुस्तक मे भी थी। कई पंक्तियाँ याद हैं अब भी। यमुना और बैसाखी से जुड़े आपके संस्मरण पढ़कर अपनी माँ के गंगा स्नान की कथाएं याद आ गईंं। नदी से जुड़े संस्कार और संसार भी। यह आलेख बहुत सारी स्मृति यों को हरा करता है। सुंदर आलेख!<br /><br />Ilahttps://www.blogger.com/profile/15571289109294040676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-83897032211308709392020-04-13T14:52:18.920-05:002020-04-13T14:52:18.920-05:00सुंदर और सार्थक लेख! यमुना, बचपन, वैशाखी और उस चुह...सुंदर और सार्थक लेख! यमुना, बचपन, वैशाखी और उस चुहलभरी यादों से विहीन अपने बच्चों का बचपन, सभी पाठकों से बतियाता और उन्हें भी अपने बचपन की यादों में फेंकता है। प्रश्न और यादें दोनों रल -मिलकर आए हैं। वैसाखी बहाना बनी इन यादों में झाँकने का। नाली में जमी काई का ऐसा काव्यात्मक चित्रण पहली बार पढ़ा, बहुत सुंदर शैली है आपकी। बधाई!डॉ.शैलजा सक्सेनाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-32958540994908540872014-04-13T09:25:05.173-05:002014-04-13T09:25:05.173-05:00क्या खूब लिखा है! मन बिलकुल डूब गया .क्या खूब लिखा है! मन बिलकुल डूब गया .आशाhttps://www.blogger.com/profile/15916111191500897934noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-4002667729053662462013-04-14T04:24:27.544-05:002013-04-14T04:24:27.544-05:00पूरा पूरा एक सांस पढ़ा आर फिर हर जगह लगा की ये तो ...पूरा पूरा एक सांस पढ़ा आर फिर हर जगह लगा की ये तो हमारी भी बचपन की यादें हैं . तीन पीढियां तो कम से कम घर रहती ही थी वैसे ये सुख मेरे बच्चों को भी मिला है लेकिन सब कुछ आज छूट चूका है . बहुत सुन्दर ढंग से वैशाखी की यादों को प्रस्तुत किया . रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-46619952780092240222013-04-14T00:23:47.179-05:002013-04-14T00:23:47.179-05:00'बैसाखी, यमुना और बच्चे' सार्थक तथा सफल शी...'बैसाखी, यमुना और बच्चे' सार्थक तथा सफल शीर्षक। ललित निबंध के सभी तत्वों पर खरा उतरने वाला निबंध। भावों,यादों और वर्तमान की कडियों को जोडकर मन में हजारों हिलोरे निर्माण करने वाला निबंध। बचपन की यादों में बसी अपनी जन्मभूमि के सुनहरे दिनों का भावनामयी वर्णन हो गया है। संपूर्ण निबंध में हर स्थल पर पाठक के हृदय को छूने की क्षमता है और यहीं आपके निबंध की ताकत भी। अपने बच्चों को लेकर आपकी चिंता और अफसोस निबंध की चरम सीमा मेरी नजरों से है। आपकी पीढी को जो विरासत में सुख और बचपन की निधियां मिली वह अगली पीढी को नहीं इसकी चिंता प्रकट करने वाला वाक्य संपूर्ण भारतीय बच्चों के बचपन के सुखों को नष्ट होने का एहसास देता है।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-47112089541971851012013-04-13T12:56:15.391-05:002013-04-13T12:56:15.391-05:00ek behtreen essay padhne ko mila.
kayee bachpan ji...ek behtreen essay padhne ko mila.<br />kayee bachpan ji yaaden taja ho uthin.<br />sabhaar!धीरेन्द्र अस्थानाhttps://www.blogger.com/profile/14444695558664600159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-12989959045151770172013-04-13T11:34:54.700-05:002013-04-13T11:34:54.700-05:00बहुत ही सुन्दर आलेख लगा अपना ही पुराना सब देख रही ...बहुत ही सुन्दर आलेख लगा अपना ही पुराना सब देख रही हूँ त्योहारों के नाम अलग हो सक ते है प्रदेशों के अनुसार , किन्तु उमंगे और उनकी कसक सब एक जैसे ही होती है ।<br />यह कदम्ब का पेड़ ........<br />ये गाना आज भी दिल में बसा है और इसके साथ ही कविता भी थी<br />माँ खादी की चादर दे दे मै गाँधी बन जाऊंगा | शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-70547412704657780122013-04-13T07:25:09.875-05:002013-04-13T07:25:09.875-05:00भले ही पहले लिखा गया है।
पर मेरे लिए तो बिल्कुल त...भले ही पहले लिखा गया है। <br />पर मेरे लिए तो बिल्कुल ताजा रचना है। <br />बहुत अच्छा लिखा है। बहुत बधाई।Ganesh Pandey https://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-85174306517600830062013-04-01T07:46:01.498-05:002013-04-01T07:46:01.498-05:00तीज-त्याहोर पर खुशियों से भरे पल यूँ ही जेहन में आ...तीज-त्याहोर पर खुशियों से भरे पल यूँ ही जेहन में आकर हलचल मचा जाती हैं .. और मन खो जाता है बीती जिंदगी में....और जब बात वैशाखी की हो तो फिर क्या कहने ...<br />बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-31810851467295344572012-01-31T09:11:04.586-06:002012-01-31T09:11:04.586-06:00gahri baat kitne achchhe tarike se likhi hai
ant m...gahri baat kitne achchhe tarike se likhi hai<br />ant me jo kavita likhi hai vo mene bhi padhi hai yahan padh kr bachpan yad aagaya<br />dhanyavad<br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-14965517498080173422010-07-25T16:15:50.255-05:002010-07-25T16:15:50.255-05:00अच्छा लगा जानकर कि आपको इसे पढ़ना रुचा। धन्यवाद स्...अच्छा लगा जानकर कि आपको इसे पढ़ना रुचा। धन्यवाद स्वीकारें।Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-52883356153436443442010-07-25T09:01:18.027-05:002010-07-25T09:01:18.027-05:00umagti hain sirf yaadien....jinse jod jod kar aaj ...umagti hain sirf yaadien....jinse jod jod kar aaj main BHI bachchcon ke liye.............. <br />Raati galaa na kardiyaan rehna...<br />sab kuch jeevat kar diya aapne....anju.shttps://www.blogger.com/profile/09723243478178327345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-19457869562654671502010-04-13T14:30:17.195-05:002010-04-13T14:30:17.195-05:00कित्ती-कित्ती यादें ताजी हो गयीं यह लेख/निबन्ध बां...कित्ती-कित्ती यादें ताजी हो गयीं यह लेख/निबन्ध बांचकर! बहुत सुन्दर! भाब्बीजी, यमुनाजी....! वाहजी! बधाई!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-35501624211175958382009-06-04T02:35:20.299-05:002009-06-04T02:35:20.299-05:00बैसाखी द जवाब नहीं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secret...बैसाखी द जवाब नहीं।<br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.com