tag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post7450512866094414951..comments2023-11-16T02:43:41.183-06:00Comments on वागर्थ: 'Being at the Edge: At the Edge of Being' Unknownnoreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-13744988468626216252013-04-02T01:55:43.044-05:002013-04-02T01:55:43.044-05:00आप के लन्दन के चित्र देखे । सन १९८३ में मैं टेम्स ...आप के लन्दन के चित्र देखे । सन १९८३ में मैं टेम्स किनारे घूम चुका हूँ । विवरण मेरी पुस्तक में है ।<br />इस विश्व विद्यालय के चित्रों की प़दर्शनी आप ने दिखा दी । बहुत धन्यवाद । नई जान कारियाँ मिली । आप के ब्लाग को देखना सदा रोचक रहता है । यह मेरी पाठसामग़ी में लगा है । मई में आप भारत आएँगी ।तो क्या आप के दर्शन हो सकेंगे ? Sp Sudheshhttps://www.blogger.com/profile/02398620807527835617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-72572105963898561512013-04-01T23:52:58.053-05:002013-04-01T23:52:58.053-05:00डॉ कविता जी बहुत बहुत धन्यबाद | डॉ कविता जी बहुत बहुत धन्यबाद | Om naam pyarahttps://www.blogger.com/profile/08274775926413080570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-8511371273754872982013-04-01T22:58:41.000-05:002013-04-01T22:58:41.000-05:00तत्काल प्रतिउत्तर के लिए आभार। आगे हमारी ब्लॉग के ...तत्काल प्रतिउत्तर के लिए आभार। आगे हमारी ब्लॉग के माध्यम से चर्चा जारी रहेगी। और हम आपकी आंखों से और खूबसूरत चित्रों को देखेंगे। वैसे मैं जानता हूं हर आदमी की अपनी व्यस्तताएं होती है। कभी संवाद न भी हो तो न आपकी नाराजी रहेगी न हमारी। बस यह मैं आपके और मेरी और से कह रहा हूं, कारण आप वहां अपने कामों में हमेशा व्यस्त और गतिशिल रहती होंगी। साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-2875266915513225112013-04-01T13:48:51.535-05:002013-04-01T13:48:51.535-05:00सुन्दर चित्र और सोचने को उकसाता यह वाक्य।सुन्दर चित्र और सोचने को उकसाता यह वाक्य।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-73128373062658338222013-04-01T11:07:19.051-05:002013-04-01T11:07:19.051-05:00अच्छा लगा इस आयोजन के विषय में जानकर ..... सुंदर त...अच्छा लगा इस आयोजन के विषय में जानकर ..... सुंदर तस्वीरें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-88804280184036977662013-04-01T10:23:47.204-05:002013-04-01T10:23:47.204-05:00अनॉनिमस जी,
आप नैतिकता और अनैतिकता का प्रश्न यहाँ...अनॉनिमस जी, <br />आप नैतिकता और अनैतिकता का प्रश्न यहाँ क्यों व कैसे ले आए हैं, यह मेरी समझ से परे हैKavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-21921979605576782672013-04-01T09:37:00.252-05:002013-04-01T09:37:00.252-05:00विजय जी, धन्यवाद। औरंगाबाद के आमंत्रण के लिए अलग स...विजय जी, धन्यवाद। औरंगाबाद के आमंत्रण के लिए अलग से धन्यवाद। अजन्ता, एलोरा की गुफाओं को कौन नहीं जानता। मैं वर्ष 1984 या 1985 में वहाँ आई थी, औरंगाबाद के किसी होटल में रुके थे हम लोग व ये गुफाएँ जी-भर देखी थीं। अद्भुत स्थल है। उसके पास बहती नदी से एक विशेष प्रकार का पत्थर कभी कभी निकलता है जो अंदर से खोखला व चमकीला होता है, उसे वहाँ से खोज कर लाई थी। पहली बार श्रीखंड भी वहीं खाया था :)। शेष जो स्थान आपने बताए, वे देखना नहीं हो पाया था। यों मैं भारत आती रहती हूँ, नागपूर से वर्धा तो हर बार जाती ही हूँ और वहाँ रहती हूँ ( विश्वविद्यालय में। संभवतः मई में इस बार भी जाना हो सके। आपसे संवाद अच्छा लगा। धन्यवाद। Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-77140202336566644452013-04-01T08:51:36.204-05:002013-04-01T08:51:36.204-05:00manusy natikta ki bat karta ha khud usase dur rhan...manusy natikta ki bat karta ha khud usase dur rhana chahta ha, janha ham adhikar ki bat karete ha vahi hama kartby bhi ha. Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-32949626621392440012013-04-01T08:07:27.790-05:002013-04-01T08:07:27.790-05:00डॉ. कविता जी आपके मोबाईल से खिंची तस्विरे देखी। आप...डॉ. कविता जी आपके मोबाईल से खिंची तस्विरे देखी। आपका धन्यवाद की आपने अपने देशवासियों एवं हिंदी पाठकों के लिए जानकारी उपलब्ध करवाई। वैसे चित्रों को पढने के लिए आंखें ही काफी है पर आपके ब्लॉग पर अन्य सामग्री हिंदी में दी है शुक्रिया। खैर मुझे खुशी इस बात की हो गई कि आप अन्य देशी भाषाओं में मराठी को भी जानती है। फिलहाल आप लंदन में है पर कभी महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आई तो हमें याद करें। औरंगाबाद के आसपास एलोरा, अजंठा की विश्वविख्यात गुफाएं है; हिंदु राजाओं में श्रेष्ठ राजा रामदेव राय द्वारा बनाया देवगिरी किला, बारह जोर्तिलिंगों में से एक घृष्णेश्वर, मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जिजाबाई का गांव सिंदखेड राजा, माराठों के साथ लड कर मृत्यु पाए औरंगजेब की कब्र जो कभी उत्तर भारत वापस नहीं जा सका... आदि है।<br />हमारा संवाद आगे भी जारी रहेगा। हो सके तो मैं भी अपने ब्लॉग पर औरंगाबाद से जुडी सास्कृंतिक सामग्री आगे डालुंगा। वैसे मैंने ऊपर जिन स्थलों का जिक्र किया है उससे संबंधित अतिरिक्त जानकारी गुगल में प्राप्त कर सकती हैं। फिलहाल यहां गर्मी और सुखे के दिन है फोटो बारिश के दिनों में खूबसूरत रहेंगे। आपके बहाने मेरी योजना जरूर पूर्ण होगी। साहित्यिक संवाद बनाएं रखें।<br />मेरा ब्लॉग drvtshinde.blogspot.comसाहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.com