tag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post6761725713590999353..comments2023-11-16T02:43:41.183-06:00Comments on वागर्थ: "भाषा, साहित्य और सर्जनात्मकता" : कविता और दिल्ली विश्वविद्यालय Unknownnoreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-91145481061271392482014-02-24T11:56:55.623-06:002014-02-24T11:56:55.623-06:00अद्भुत...बधाईअद्भुत...बधाईमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-71570632024761987562013-08-05T11:14:12.299-05:002013-08-05T11:14:12.299-05:00बहुत उत्कृष्ट रचना, ढेरों बधाईबहुत उत्कृष्ट रचना, ढेरों बधाईप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-10286193575726318122013-08-05T09:48:09.592-05:002013-08-05T09:48:09.592-05:00विचारणीय कविता। और आपको बहुत-बहुत बधाई।विचारणीय कविता। और आपको बहुत-बहुत बधाई।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-18848488228883529672013-08-05T08:03:10.666-05:002013-08-05T08:03:10.666-05:00आपको हार्दिक बधाई.सुन्दर रचना हेतु.आपको हार्दिक बधाई.सुन्दर रचना हेतु.संपत देवी मुरारकाhttps://www.blogger.com/profile/09970933396765531753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-47398396022956522412013-08-05T07:47:06.856-05:002013-08-05T07:47:06.856-05:00बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ---कितनी सहजता से आपने चं...बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ---कितनी सहजता से आपने चंद शब्दों में ही गागर में सागर भर दिया ......बहुत अच्छे। <br />आप सब लोग हिदी के इतने बड़े बड़े विद्वान हो कि मुझे तो टिप्पणी लिखते भी डर ही लगा रहता है, मैंने तो हिंदी मैट्रिक तक पढ़ी है जी। आप सब के लेख कविताएं देख पढ़ कर नये नये शब्द ग्रहण करने की कोशिश करता रहता हूं। <br />शुभेच्छा। Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-83846791934728435032013-08-05T07:13:38.879-05:002013-08-05T07:13:38.879-05:00सुन्दर और उद्देश्परक रचना ,अनेक बधाइयाँ सुन्दर और उद्देश्परक रचना ,अनेक बधाइयाँ poonam chandralekha https://www.blogger.com/profile/04768857387969674556noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-13340316527919688552013-08-05T01:12:01.883-05:002013-08-05T01:12:01.883-05:00बहुत ही सुन्दर और सार्थकबहुत ही सुन्दर और सार्थकashokkhachar56@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/07939212398427669565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-88115242624704794592013-08-04T22:33:24.598-05:002013-08-04T22:33:24.598-05:00यह कविता अपने कथ्य और लयात्मक मुक्त छन्द के शिल्प ...यह कविता अपने कथ्य और लयात्मक मुक्त छन्द के शिल्प के कारण प़भावी बन गई है । जल को <br />जीवन कहा ही गया है और प़लय में भी जल ही जल दिखाई देता है । तो जीवन और मृत्यु , सृष्टि और <br />विनाश के द्वन्द्व को भी यह कविता निरूपित करती है । इस के पाठ्यक़म में लगने पर मुझे ख़ुशी मिली । <br />बधाई । Sp Sudheshhttps://www.blogger.com/profile/02398620807527835617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5381268686604795999.post-78535795198793046082013-08-04T19:46:18.254-05:002013-08-04T19:46:18.254-05:00लेखन का स्तर उसे उचित स्थान पर ले गया है -आपको हार...लेखन का स्तर उसे उचित स्थान पर ले गया है -आपको हार्दिक बधाई ,वैसे गौरवान्वित तो हम भी हुए!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com