बुधवार, 9 जुलाई 2014

संकलन हेतु रचनाएँ आमन्त्रित

संकलन हेतु रचनाएँ आमन्त्रित 

An appeal to the writers based outside India / भारत से बाहर के लेखकों से रचनाएँ आमन्त्रित

A book named `Meri Maan' (My Mother) has been planned to be published on the concept, ethos and practices of motherhood in different parts of the world. The nature of the book will be literary, cultural and social only. The object of the book is to present a contemporary scenario as well as traditional aura of motherhood in different societies. 

The project is being supported and sponsored by Shri B. K. Birla, renowned industrialist of India. A committee of Indian scholars has been constituted for compilation of articles related to the subject.

We will be grateful if you kindly spare some time for this noble cause and write an article on the above subject, especially in view of the land to which you belong or the country in which at present you reside. The language of the article should be either Hindi or English. In special cases, we will try to translate valuable articles received in other languages too. 
We shall also welcome some poems related to the subject, composed by you or other prominent poets of your country.

We will also require your photograph (passport size) and your bio data. Please, try your best to mail to me all the press materials at the earliest.

A copy of the printed book along with a memento will be sent to you as a mark of respect.

'मेरी माँ' शीर्षक से एक पुस्तक के लिए विश्वभर के रचनाकारों की रचनाएँ/लेख ( साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक) आमन्त्रित हैं। पुस्तक का उद्देश्य विभिन्न समाजों में मातृत्व और उसकी गरिमा/महिमा के विविध पक्षों को रेखांकित/प्रस्तुत करना है। यह योजना भारत के प्रमुख उद्योगपति श्री बी. के. बिरला द्वारा संपोषित है। 

आप जिस देश में रहते हैं, वहाँ मातृत्व की किसी विशिष्ट छवि को उकेरेते हुए एक लेख हिन्दी अथवा अंग्रेजी में हमें शीघ्रातिशीघ्र भेजें। कुछेक महत्वपूर्ण लेखों के अनुवाद का प्रावधान भी है। कुछ बहुत महत्वपूर्ण कविताओं को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा। अतः आप अपने देश के किसी महत्वपूर्ण रचनाकार की 'माँ' विषयक कोई विशिष्ट कविता भी हमें भेज सकते हैं। प्रयास करें कि शब्दसीमा 1000 के लगभग रहे। शेष जानकारी हेतु टिप्पणी द्वारा सम्पर्क करें। 

रचना के साथ रचनाकार का पासपोर्ट आकार का चित्र व संक्षिप्त औपचारिक परिचय भी शीघ्रातिशीघ्र भेजें।  30 अगस्त के पश्चात् भेजी गई रचनाएँ स्वीकार नहीं की जाएँगी। 

प्रकाशनोपरांत स्मृतिचिह्न के साथ लेखकीय प्रति सादर भिजवाई जाएगी। पुस्तक का लोकार्पण आगामी वर्ष दिल्ली में होगा। 

(यदि आप किसी विदेश में रहने वाले लेखक से परिचित हैं तो कृपया उन तक इस सूचना को भिजवाएँ)